निशा की हिम्मत

निशा और राजीव अच्छे दोस्त थे। धीरे-धीरे उनकी दोस्ती प्यार में बदल गई। दोनों एक दूसरे के साथ खुश थे । निशा का सपना था वह टीवी एक्ट्रेस बने । इसके लिए वह मुंबई चली गई । धीरे-धीरे उसे काम मिलने लगा । टीवी में उसके कई सीरियल आए । दर्शक उसे पहचानने लगे । उसके फैंस दिन प्रतिदिन बढ़ने लगे ।

निशा और राजीव का ब्रेकअप हो गया क्योंकि राजीव का अहम निशा की प्रसिद्धि से हर्ट हो रहा था । कुछ दिनों बाद राजीव ने रमा से शादी कर ली । निशा अपने काम में व्यस्त थी । उसने सारा ध्यान अपने करियर को बढ़ाने में लगाया ।

राजीव एक दिन अपने पुराने फोटो देख रहा था उसके निशा के साथ बहुत फोटो थे। कुछ फोटो ऐसे भी थे। जिनसे वह उसे ब्लैकमेल कर सकता था ।उसे लगा निशा तो सोने का अंडा देने वाली मुर्गी है ।उसे फंसाता हूं ।

राजीव ने नेहा को फोन मिलाकर कहा अगर तुम चाहती हो कि मेरे तुम्हारे साथ फोटो सोशल मीडिया पर ना आए तो मुझे 2 दिन के अंदर ₹500000 दे दो ।

निशा को बहुत हैरानी हुई वह राजीव को अच्छा लड़का समझती थी । राजीव की धमकी से पहले तो निशा डरी । फिर उसने सोचा ऐसे डरने से कम नहीं चलेगा । मुसीबत का सामना करना पड़ेगा । उसने सोचा मम्मी पापा को बताऊं परेशान होंगे ।भाई को बताती हूं । वह इस समस्या का कुछ हल बतायेगा। निशा ने अपने भाई आकाश से कहा भैया मुझे आपसे एक सलाह लेनी है । आप मुंबई आ जाओ ।

आकाश समस्या की गंभीरता को समझता है । रात की फ्लाइट से दिल्ली से मुंबई निशा के पास पहुंच जाता है । निशा आकाश को बताती है कि उसका एक्स बॉयफ्रेंड उसे ब्लैकमेल कर रहा है । उसने आकाश को वह फोटो भी दिखाई जो राजीव ने उसे भेजी थी । आकाश ने कहा हमें पुलिस में शिकायत करनी चाहिए ।

अगले दिन सुबह आकाश और निशा पास के थाने में शिकायत करने गए । पुलिस ने उनकी एफ आई आर लिखी । निशा से कहां आप उससे बात करो तो ऐसे दिखाना जैसे आप उससे डर गई हो । उससे कहो कि पैसे देने का समय 2 दिन की जगह 5 दिन कर दे। तुम्हें पैसों का इंतजाम करने में समय लगेगा ।

निशाने जैसा पुलिस ने बताया था वैसा ही राजीव से कहा । राजीव ने कहा मैं तुम्हें 5 दिन का समय देता हूं । उसके बाद तुम्हारी सारी फोटो सोशल मीडिया पर होगी । निशा ने कहा ऐसा मत करना मैं तुम्हें ₹500000 दे दूंगी ।

पुलिस ने इस साइबर क्राइम माना जांच पड़ताल शुरू कर दी । पुलिस ने पता लगाया राजीव कहां है और उसे गिरफ्तार कर लिया । जब राजीव को पुलिस के डंडे पड़े तो उसने निशा के सारे फोटो निशा को दे दिए । पुलिस ने राजीव के कंप्यूटर और मोबाइल से सारे फोटो डिलीट करवाये ।

राजीव को दो दिन जेल में रखा गया । राजीव इसके लिए तैयार नहीं था उसने तौबा की कि वह अब ऐसा काम नहीं करेगा ।

पुलिस ने निशा की हिम्मत की दाद दी । उसने अपनी परेशानी अपने भाई के साथ बाटीं । पुलिस के पास आई और अपनी परेशानी से बाहर आई।

हर समस्या का समाधान होता है। हमें अपनी किसी भी समस्या से घबराना नहीं चाहिए । अपनों से उसके बारे में बात करनी चाहिए ।

खुशियों की तलाश

शीला के जीवन में खुशियों का मतलब ढेर सारी अच्छी किताबें पढ़ना है । संगीत सुनना है। नई-नई जगह घूमने जाना है । वही उसके पति शिखर के लिए घूमने जाना पैसों की बर्बादी है । उन्हें तो बस सिगरेट पीने में ही खुशी मिलती है । शिखर को सिगरेट पीने की आदत है । उसका यह मानना है आदमियों को बहुत टेंशन होती है । सिगरेट पीने से वह दूर होती है । शीला का यह मानना है क्या औरतों को टेंशन नहीं होती ? वह तो कभी सिगरेट नहीं पीती ।

इसी नोक झोक के सहारे उनका वैवाहिक जीवन चल रहा है । शीला और शिखर का एक बेटा है समर । समर इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर रहा है । उसे अपनी मां शीला की तरह घूमने और किताबें पढ़ने में खुशी मिलती है । समर की छुट्टियां होने वाली थी ।उसने मम्मी पापा से कहा हम लोग नैनीताल घूमने चलेंगे । शिखर ने कहा मुझे छुट्टी शायद ना मिले । समर ने कहा नहीं पापा हम तीनों घूमने जरूर जाएंगे । शिखर ने तीनों की टिकट कराई । उसे छुट्टी भी मिल गई ।

शीला, शिखर और समर नैनीताल घूमने गए । वहां तीनों को बहुत अच्छा लगा । शिखर को भी वोटिंग करने में मजा आया । शिखर और समर ने खूब फोटो खींचे । शीला ने पहाड़ी ड्रेस में शिखर के साथ फोटो खिचवाया । शिखर को पता चला उसे फोटोग्राफी करने में खुशी मिलती है ।

एक हफ्ते घूम तीनों वापस दिल्ली आ गए । दिल्ली में प्रदूषण की वजह से समर की तबीयत खराब हो गई । फिर शीला ने डॉक्टर की बात मानकर अपने घर में मनी प्लांट ,तुलसी, एलोवेरा के पौधे गमले में लगाकर घर के अंदर रखें । कुछ दिनों में समर ठीक हो गया । पौधों की वजह से उनका घर प्रदूषण मुक्त हो गया ।

पौधों की देखभाल करना समर को अच्छा लगता था । कुछ दिनों में समर वापस हॉस्टल चला गया । अब पौधों की देखभाल शिखर करते ।

जीवन में हमें छोटी-छोटी जो भी खुशियां मिले । खुश रहें, बड़ी खुशी के इंतजार में उन्हें ना छोड़े ।

कमला का सपना

रवि ने इंजीनियरिंग पास की । उसका कैंपस सिलेक्शन एक अच्छी कंपनी में हो गया । रवि सिविल इंजीनियर था । कंपनी की तरफ से उसे झारखंड के आदिवासी बहुल इलाके में प्रोजेक्ट पर भेजा गया । वहां पर कंपनी के अन्य कर्मचारी भी थे। रवि के अलावा 20 लोग और थे । सबका अपना-अपना काम था । आदिवासी लोगों के अलग रीति रिवाज होते हैं, नियम भी अलग होते हैं । कंपनी की तरफ से सभी कर्मचारियों से कहा गया था । अंधेरा होने के बाद कोई भी कंपनी कैंपस से बाहर ना जाए । सभी कर्मचारी इस बात का ध्यान रखते थे । कर्मचारियों का काम, क्वार्टर, खाना पीना सब कैंपस में था । यहां पर सीमेंट प्लांट बन रहा था ।

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पिता का प्यार

विजय और सविता अच्छे माता पिता थे । उनके दो बच्चे थे । बेटा समर और बेटी नेहा। उनका परिवार खुशहाल था । विजय जी बैंक में मैनेजर थे । सविता विद्यालय मैं शिक्षिका थी । समर आठवीं कक्षा में था नेहा छठी कक्षा में थी । दोनों बहन भाई आपस में कभी लड़ते, कभी खेलते ।

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पोहा

सुबह के नाश्ते में पोहा खाना ज्यादातर लोग पसंद करते हैं । बनाने में आसान , खाने में हल्का  । आज मैं आपको पोहा बनाने की विधि बताऊंगी

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मिल्क मेड चॉकलेट केक

जो लोग अंडा नहीं खाते वह सोचते हैं केक कैसे बनाएं ? केक में तो अंडा पड़ता ही है । लेकिन ऐसा नहीं है । हम बिना अंडे के भी केक बना सकते हैं । मिल्कमेड से जो केक बनाते हैं, वह बहुत अच्छा बनता है । अब मैं आपको मिल्कमेड से केक कैसे बनाएं ? इसकी विधि बताऊंगी ।

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अपनों का साथ – राज और सिमरन की शादी

राज और सिमरन एक दूसरे से प्यार करते थे । दोनों शादी करना चाहते थे । लेकिन उनके परिवारों में 10 साल पहले लड़ाई हो गई थी । लड़ाई की वजह भी बहुत मजेदार थी । राज और सिमरन दोनों के दादाजी अपने समय के बहुत अच्छे पहलवान थे । दोनों एक दूसरे के दोस्त भी थे । दोनों एक साथ कुश्ती प्रतियोगिता में भाग लेने जाते थे । वह दोनों अभी भी नए पहलवानों को कुश्ती के दांव पर सिखाते थे ।

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इजाजत ( निशा का इंतजार ) भाग 2

निशा और समर की शादी अच्छे से सभी रीति-रिवाजों के साथ संपन्न हुई । शादी के बाद निशा को ससुराल में घूंघट करना पड़ा । घर के काम भी करने पड़े । घर वालों ने शुरू में उसे अपनाया भी नहीं । आशा निशा से कहती ज्यादा सेवा मत कर कुछ फायदा नहीं है । आशा और निशा दोनों ससुराल में नहीं रहती थी । दोनों अपने अपने पति के साथ रहती थी । तीज त्यौहार पर सब इकट्ठे होते थे । तब आशा कुछ काम नहीं करती थी । निशा को सब काम करना पड़ता । जब वह समर से कहती मैं क्यों काम करूं ? दीदी तो कुछ करती नहीं । सासु मां जब हम नहीं होते तब भी तो काम करती हैं । समर कहता जब तक तुम यहां हो तब तक तो उन्हें आराम दे सकती हो । भाभी की तरह उन से कभी लड़ना मत ।

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इजाजत ( निशा का इंतजार ) भाग 1

आशा और निशा दोनों बहनों का स्वभाव एक दूसरे के विपरीत था । जहां आशा हर समय अपने विषय में सोचती थी । वही निशा अपने से ज्यादा दूसरों के बारे में सोचती थी ।

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परीक्षा में फेल होना – जिंदगी नए रास्ते दिखाती है ।

राधा और अमर का बेटा निखिल आईआईटी की तैयारी कर रहा है । उसने 11वीं कक्षा में विज्ञान विषय लिया है । इसके साथ में आईआईटी की परीक्षा के लिए कोचिंग भी कर रहा है । निखिल अपनी कोचिंग और विद्यालय की पढ़ाई में बहुत व्यस्त रहता है । उसके पापा अमर इंजीनियर हैं । राधा और अमर निखिल के पूरे दिन के रूटीन का ध्यान रखते हैं । निखिल अपने टाइम टेबल को फॉलो करता है ।

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