कल जब मैं टीवी पर एक फिल्म देख रही थी, उसमें बच्चा इंजीनियरिंग की प्रवेश परीक्षा में फेल हो जाने के कारण सोचता है कि उसे सब लूज़र बुलाएंगे और वह ऊपर से नीचे गिर कर घायल होकर हॉस्पिटल पहुँच जाता है ।
यह सीन देखकर मुझे बहुत कुछ याद आया ।
जब बच्चे दसवीं क्लास की परीक्षा देते हैं । माता-पिता उससे पहले ही उनसे पूछते हैं बेटा आगे क्या लोगे ? यदि बच्चा साइंस लेता है तो गणित विषय लेता है तो इंजीनियरिंग की कोचिंग भी 11वीं और 12वीं में करता है । जीव विज्ञान विषय लेता है तो मेडिकल की तैयारी करता है ।
सभी बच्चे अपनी तरफ से मेहनत करते हैं । कुछ बच्चे कोचिंग के लिए कोटा चले जाते हैं । कोटा में सभी सुविधाएं हैं । माता-पिता अपने बच्चों का वहाँ दाखिला करवा कर चले जाते हैं । कुछ बच्चों की मम्मी भी उनके साथ वहीं रहती हैं । जो बच्चे वहाँ अकेले रहते हैं । कुछ को घर की याद आने लगती है । खाना अच्छा नहीं लगता वह वापस चले जाते हैं । कुछ इन सब वजहों से नहीं जाते । कोटा में रहकर ही पढ़ाई करते हैं । लेकिन उनका ध्यान भटकता है । वह पढ़ाई के अलावा दूसरी चीजों में ज्यादा रूचि लेने लगते हैं । जो बच्चे अपना ध्यान पढ़ाई में अच्छे से लगाते हैं । उनके भी जब कभी टेस्ट में नंबर कम आते हैं तो उन्हें लगता है हम कैसे दूसरे बच्चों के साथ प्रतियोगिता में बने रहे । सभी बच्चे परीक्षा में सफल होने के लिए कड़ी मेहनत करते हैं ।
माता पिता बच्चों के साथ फोन से संपर्क में रहते है । लेकिन माता-पिता से कभी-कभी एक भूल हो जाती है । हम बच्चों से परीक्षा में उनकी सफलता के बारे में तो बात करते हैं । असफलता के बारे में बात नहीं करते । हमें बच्चों को दोनों ओर से पुश करना होता है । बेटा अच्छे से मेहनत करो पढ़ाई में ध्यान लगाओ । टेंशन मत लो । मेहनत का फल अवश्य मिलेगा ।
दूसरी और बच्चों को समझाना होता है । बेटा यदि एक परीक्षा में असफल हो गए तो दुनिया खत्म नहीं हो जाती । जिंदगी में और बहुत सारे रास्ते हैं । तुम यदि फिर से तैयारी करना चाहो तो एक साल और मेहनत करो । फिर से परीक्षा दो । यदि नहीं तो जो कॉलेज मिल रहा है उससे पढ़ाई करो ।
कई बच्चे अपनी लाइन ही बदल देते हैं । कोई दिल्ली यूनिवर्सिटी से बीएससी करता है । कोई लॉ करता है । कोई बीबीए करता है । कोई एनडीए की परीक्षा पास करके वहाँ चला जाता है ।
जब परीक्षा का नतीजा आता है बच्चे हमारे पास ही होते हैं । हमें उन्हें समझाना चाहिए । परीक्षा से पहले भी समझाना चाहिए । सफल होंगे यदि सफल ना भी हुए, हमारे लिए तुम हमारे लाडले बच्चे ही रहोगे । जिससे बच्चे को तनाव नहीं होगा और वह आराम से अपनी परीक्षा देगा । कुछ बच्चे तैयारी अच्छी होते हुए भी तनाव की वजह से अपनी परीक्षा में अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाते ।
उन्हें इस तनाव से दूर रखने के लिए कोचिंग में भी ध्यान रखा जाता है । पर माता-पिता बच्चों का तनाव दूर करने में ज्यादा सहायक हो सकते हैं।
10वीं और 12वीं की बोर्ड परीक्षा की तारीख आ गई है । जो भी बच्चे परीक्षा दे रहे हैं । उन से मेरा अनुरोध है आपने अच्छे से पढ़ाई की है आपकी तैयारी है । आराम से बिना किसी तनाव के परीक्षा दें और अच्छा रिज़ल्ट आयेगा ये सोचें । यदि कोई पेपर कम अच्छा जाए तो उसके बारे में ना सोचते रहे । उसे छोड़कर आने वाले पेपर पर ध्यान दें । इस तरह आपकी परीक्षा आप की तैयारी के हिसाब से होगी ।
परीक्षा का परिणाम जब आए । परीक्षा परिणाम आपकी आशा के अनुरूप ही आया तो बहुत अच्छा । यदि परीक्षा परिणाम आपकी आशा के अनुरूप ना हो तो भी निराश ना हो ।