यह उन दिनों की बात है ।

मैं बचपन को बुला रही थी
बोल उठी बिटिया मेरी
नंदनवन सी फूल उठी

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बजटिया शादी

राज और सिमरन एक दूसरे से प्यार करते थे और शादी करना चाहते थे । दोनों ने अपने-अपने घर में बात की । लेकिन उनके माता-पिता उनकी शादी के लिए तैयार नहीं हुए ।

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हमारे देश में हिंदी का भविष्य

हमारे देश में हिंदी का क्या भविष्य है क्या हिंदी खत्म हो जाएगी? नहीं ऐसा कभी नहीं होगा क्योंकि हिंदी हमारे देश में जन-जन की भाषा है । हमारे देश के 9 प्रदेशों की राजभाषा हिंदी है ।

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नंदिनी की नयी सोच

नंदिनी जमाने से नाराज थी । उसे समझ ही नही आता था, जब इन्सान को पता है कि जो रीति-रिवाज बनाये गए है उनमें से ज्यादातर वक्त के हिसाब से पुराने हो चुके हैं । फिर भी लोग उन्हें क्यों निभाना चाहते हैं ? उनमें से एक रिवाज है दहेज का जो आज भी निभाया जा रहा है । किसी और कि क्या कहें, जब उसके माता-पिता ही कहते हैं “बेटी कि शादी करनी है तो दहेज तो देना ही पड़ेगा ।”

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