इजाजत ( निशा का इंतजार ) भाग 2

निशा और समर की शादी अच्छे से सभी रीति-रिवाजों के साथ संपन्न हुई । शादी के बाद निशा को ससुराल में घूंघट करना पड़ा । घर के काम भी करने पड़े । घर वालों ने शुरू में उसे अपनाया भी नहीं । आशा निशा से कहती ज्यादा सेवा मत कर कुछ फायदा नहीं है । आशा और निशा दोनों ससुराल में नहीं रहती थी । दोनों अपने अपने पति के साथ रहती थी । तीज त्यौहार पर सब इकट्ठे होते थे । तब आशा कुछ काम नहीं करती थी । निशा को सब काम करना पड़ता । जब वह समर से कहती मैं क्यों काम करूं ? दीदी तो कुछ करती नहीं । सासु मां जब हम नहीं होते तब भी तो काम करती हैं । समर कहता जब तक तुम यहां हो तब तक तो उन्हें आराम दे सकती हो । भाभी की तरह उन से कभी लड़ना मत ।

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इजाजत ( निशा का इंतजार ) भाग 1

आशा और निशा दोनों बहनों का स्वभाव एक दूसरे के विपरीत था । जहां आशा हर समय अपने विषय में सोचती थी । वही निशा अपने से ज्यादा दूसरों के बारे में सोचती थी ।

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परीक्षा में फेल होना – जिंदगी नए रास्ते दिखाती है ।

राधा और अमर का बेटा निखिल आईआईटी की तैयारी कर रहा है । उसने 11वीं कक्षा में विज्ञान विषय लिया है । इसके साथ में आईआईटी की परीक्षा के लिए कोचिंग भी कर रहा है । निखिल अपनी कोचिंग और विद्यालय की पढ़ाई में बहुत व्यस्त रहता है । उसके पापा अमर इंजीनियर हैं । राधा और अमर निखिल के पूरे दिन के रूटीन का ध्यान रखते हैं । निखिल अपने टाइम टेबल को फॉलो करता है ।

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