इजाजत ( निशा का इंतजार ) भाग 1

आशा और निशा दोनों बहनों का स्वभाव एक दूसरे के विपरीत था । जहां आशा हर समय अपने विषय में सोचती थी । वही निशा अपने से ज्यादा दूसरों के बारे में सोचती थी ।

आशा और निशा के माता पिता भूमि और आकाश थे । बचपन से वे दोनों बहनों का व्यवहार देख रहे थे । आशा की पढ़ाई पूरी हो गई थी । उसने हिंदी में एम ए किया था । वह एक विद्यालय में शिक्षिका थी । भूमि और आकाश ने आशा से कहा बेटा अब शादी कर लो । आशा ने कहा ठीक है ।

आशा के लिए बहुत से रिश्ते देखे गए । उनमें से कुछ लोगों ने उन्हें पसंद नहीं किया । कुछ को आशा ने पसंद नहीं किया । 2 साल तक उसके लिए रिश्ते देखे गए । तब जाकर एक लड़का और परिवार आशा को पसंद आया । लड़के का नाम अमर था ।

दोनों परिवारों की रजामंदी के बाद जल्दी ही अमर और आशा की शादी हो गई । अमर तीन भाई थे । अमर सबसे बड़ा , समर बीच का, निशांत सबसे छोटा था । शादी के बाद कुछ दिन तक तो सब ठीक रहा । उसके बाद आशा घर में झगड़े करने लगी । ससुराल में घुंघट करना पड़ता था । वह उस ने बंद कर दिया । जब उसका मन होता घर का काम करती , मन नहीं होता तो ना करती । उसके सास, ससुर , पति , देवर सब उसकी वजह से हैरान परेशान रहते ।

समर और निशा की शादी में दोस्ती हो गई थी । दोनों एक ही कॉलेज से एमबीए कर रहे थे । धीरे-धीरे दोस्ती प्यार में बदल गई । समर सोचता दोनों बहनों के स्वभाव में कितना अंतर है ।

समर और निशा की पढ़ाई पूरी हो गई । दोनों नौकरी करने लगे । दोनों को नौकरी करते हुए 2 साल हो गए । अब दोनों के माता-पिता उनसे शादी करने के लिए कहने लगे । आशा और अमर की शादी को 3 साल हो गए थे । उनका बेटा गोलू 1 साल का था । निशांत अपनी पढ़ाई पूरी कर रहा था ।

समर और निशा अपनी शादी ना करने के रोज नए बहाने बनाते । दोनों के मम्मी पापा ने पूछा क्या तुम्हें कोई पसंद है ? हमें बताओ । हम उससे तुम्हारी शादी के बारे में सोचेंगे । निशा ने समर से कहा पहले तुम अपने घर पर बताओ । जब समर ने अपने घर पर बताया कि वह निशा से शादी करना चाहता है । घर में बम विस्फोट हो गया । उसके मम्मी पापा ने कहा तुझे पूरी दुनिया में आशा की बहन ही मिली थी शादी करने के लिए । तुझे पता नहीं तेरी भाभी कैसी है ? हम जानबूझकर एक और आशा जैसी बहू नहीं लाना चाहते । हम इस रिश्ते के लिए तैयार नहीं है । तुम्हें निशा से शादी करनी है करो । हमसे कोई उम्मीद मत रखो ।

जब निशा ने भूमि और आकाश को बताया वह समर से शादी करना चाहती है । भूमि और आकाश ने कहा यह शादी कभी नहीं होगी । तुम्हारी बहन आशा ने उन्हें इतना परेशान कर रखा है । उसका भुगतान तुम्हें करना पड़ेगा ।

समर और निशा ने आपस में बात की । घरवाले नहीं मान रहे क्या करें ? निशा ने कहा मैं जानती हूं दीदी का व्यवहार सब के साथ अच्छा नहीं है । इसलिए रिश्ता नहीं हो पा रहा । आशा और अमर भी शादी का विरोध कर रहे थे । आशा का कहना था इस घर में शादी करके मेरी जिंदगी बर्बाद हो गई । अब मैं निशा की शादी घर में नहीं होने दूंगी । अमर का कहना था हमारे घर में हंगामा करने के लिए एक बहन ही काफी है । दूसरी भी बहू बनकर आ गई तो दोनों बहनें मिलकर हमारा जीना ही मुश्किल कर देंगी ।

समर और निशा ने अपने अपने घर वालों को समझाया । हम जानते हैं आशा दीदी की वजह से आप सब परेशान हो । समर ने अपने मम्मी पापा से कहा आप जैसे चाहोगे । निशा इस घर में वैसे ही रहेगी । भाभी कैसे रहती है ? इससे कोई फर्क नहीं पड़ेगा । निशा ने अपने मम्मी पापा को समझाया । आशा दीदी की तरह ससुराल से मेरी शिकायत नहीं आएगी । आपको और शर्मिंदा नहीं होना पड़ेगा ।

बार-बार समझाने पर समर और निशा दोनों के घर वाले इस विवाह के लिए तैयार हुए । उन्हें मनाने में दोनों को 1 साल लग गया ।

निशा और समर की शादी के बाद क्या होता है ? पढ़िए अगले भाग में