खुशियों की तलाश

शीला के जीवन में खुशियों का मतलब ढेर सारी अच्छी किताबें पढ़ना है । संगीत सुनना है। नई-नई जगह घूमने जाना है । वही उसके पति शिखर के लिए घूमने जाना पैसों की बर्बादी है । उन्हें तो बस सिगरेट पीने में ही खुशी मिलती है । शिखर को सिगरेट पीने की आदत है । उसका यह मानना है आदमियों को बहुत टेंशन होती है । सिगरेट पीने से वह दूर होती है । शीला का यह मानना है क्या औरतों को टेंशन नहीं होती ? वह तो कभी सिगरेट नहीं पीती ।

इसी नोक झोक के सहारे उनका वैवाहिक जीवन चल रहा है । शीला और शिखर का एक बेटा है समर । समर इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर रहा है । उसे अपनी मां शीला की तरह घूमने और किताबें पढ़ने में खुशी मिलती है । समर की छुट्टियां होने वाली थी ।उसने मम्मी पापा से कहा हम लोग नैनीताल घूमने चलेंगे । शिखर ने कहा मुझे छुट्टी शायद ना मिले । समर ने कहा नहीं पापा हम तीनों घूमने जरूर जाएंगे । शिखर ने तीनों की टिकट कराई । उसे छुट्टी भी मिल गई ।

शीला, शिखर और समर नैनीताल घूमने गए । वहां तीनों को बहुत अच्छा लगा । शिखर को भी वोटिंग करने में मजा आया । शिखर और समर ने खूब फोटो खींचे । शीला ने पहाड़ी ड्रेस में शिखर के साथ फोटो खिचवाया । शिखर को पता चला उसे फोटोग्राफी करने में खुशी मिलती है ।

एक हफ्ते घूम तीनों वापस दिल्ली आ गए । दिल्ली में प्रदूषण की वजह से समर की तबीयत खराब हो गई । फिर शीला ने डॉक्टर की बात मानकर अपने घर में मनी प्लांट ,तुलसी, एलोवेरा के पौधे गमले में लगाकर घर के अंदर रखें । कुछ दिनों में समर ठीक हो गया । पौधों की वजह से उनका घर प्रदूषण मुक्त हो गया ।

पौधों की देखभाल करना समर को अच्छा लगता था । कुछ दिनों में समर वापस हॉस्टल चला गया । अब पौधों की देखभाल शिखर करते ।

जीवन में हमें छोटी-छोटी जो भी खुशियां मिले । खुश रहें, बड़ी खुशी के इंतजार में उन्हें ना छोड़े ।