नेहा का निर्णय (अंतिम भाग )

एक घंटे बाद अभिषेक उठ गया । अपने मम्मी पापा और नेहा को देख कर बहुत खुश हुआ । डॉक्टर ने बताया अभिषेक अभी ठीक है । दो-तीन दिन में उसे छुट्टी मिल जाएगी । तब तक आप लोग सेना के गेस्ट हाउस में ठहरें । यहाँ अभिषेक की अच्छे से देखभाल की जाएगी । रमेश जी और सविता जी ने इतने दिनों बाद मिले अपने बेटे से दूर नहीं जाना चाहते थे । उन्होंने कहा अभी कुछ देर हमें अभिषेक के साथ रहने दें । डॉक्टर ने कहा ठीक है ।

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नेहा का निर्णय (भाग 4 )

नेहा ने भगवान से प्रार्थना की अभिषेक को सही सलामत वापस भेज दे । वह अभिषेक से नफरत तो करती थी । लेकिन अभिषेक के लिए उसके दिल में थोड़ा सा प्यार भी था । एक महीना बीत गया । अभिषेक का कहीं पता नहीं चल रहा था । कुछ सैनिक बर्फ के तूफान में फंसे मिले । कुछ बॉर्डर के पास ही मिले वह शहीद हो चुके थे ।

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नेहा का निर्णय -(भाग 3 )

नेहा बीएड की पढ़ाई के साथ-साथ टीईटी ( टीचर एलिजिबिलिटी टेस्ट ) की तैयारी भी कर रही थी । उसने रमेश जी और सविता जी से कहा मेरी वजह से आप दोनों अभिषेक से नाराज ना हो । वह आपके बेटे हैं । रमेश जी और सविता जी अभिषेक से हफ्ते में एक बार बात कर लेते थे । उन्होंने अभिषेक से कहा बेटा कब तक अकेले रहोगे ? शादी कर लो । तुम्हें कोई लड़की पसंद हो तो हमें बताओ । नहीं तो हम ढूंढ लेंगे । तुम्हें कैसी लड़की पसंद है ? यह बताओ । अभिषेक ने कहा मम्मी पापा मैं अभी शादी नहीं करना चाहता । रमेश जी और सविता जी ने कहा ठीक है । बेटा अच्छे से सोच लो ।

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