समाज की विषमता

आजकल जहां देखो सुनने को मिल रहा है मंदी आ गई है । नौकरियां जा रही हैं । लोगों के पास पैसे की कमी है । लेकिन यही बात तब झूठी लगती है जब अखबार में पढ़ते हैं । टेलीविजन पर समाचारों में देखते हैं कि भारत में इतने आईफोन बिक गए महंगी गाड़ियां बिक रही हैं । तब समझ में नहीं आता कि सच क्या है ? अगर मंदी है लोगों की नौकरियां जा रही है तो सामान कैसे बिक रहा है ?

बाद में जब पता किया तो पता चला भारत में जो अमीर है उस पर मंदी का कोई असर नहीं । वह अपना आईफोन और गाड़ियां खरीद रहा है । जो गरीब है उन पर भी मंदी का कोई असर नहीं वह जो काम करते हैं उनकी मांग भी हमेशा रहेगी ।

जो कुछ झेलता है वह  मध्यमवर्ग है । उसके पास पैसों की कमी है । उसके लिए मंदी है । उनकी नौकरियां जा रही हैं । उन्हें परेशानी हो रही है घर की ई. एम. आई. गाड़ी की ई. एम. आई. कैसे भरें ? क्या करें ?

गरीबों के लिए जो बीपीएल में आते हैं उनके लिए सरकार ने बहुत सी योजनाएं चला रखी हैं जिनका उन्हें फायदा मिलता है ।

मध्यम वर्ग है उसमें सबसे ज्यादा टैक्स भरने वाले लोग हैं । लेकिन उनको इतनी सुविधाएं नहीं मिल पातीं । जो अमीर है टैक्स वह भी देते हैं । लेकिन उनकी आय ज्यादा है तो टैक्स देने के बाद भी उनके पास अपनी आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए काफी धन बच जाता है ।

इस प्रकार हमारे समाज में विषमता हमेशा विद्यमान रहती है ।