हमारे देश में हिंदी का क्या भविष्य है क्या हिंदी खत्म हो जाएगी? नहीं ऐसा कभी नहीं होगा क्योंकि हिंदी हमारे देश में जन-जन की भाषा है । हमारे देश के 9 प्रदेशों की राजभाषा हिंदी है ।
जिन प्रदेशों में हिंदी नहीं बोली जाती वहाँ के लोग भी आजकल अंग्रेजी के साथ हिंदी भी सीख रहे हैं क्योंकि वह जानते हैं कि अपने प्रदेश की भाषा सीख कर वह अपने प्रदेश में ही काम कर पाएंगे । यदि उन्हें हिंदी आ गई तो अपने प्रदेश के अलावा उन नौ प्रदेशों में भी काम कर सकते हैं जहां की भाषा हिंदी है ।
गाँव में आज भी हिंदी बोली जाती है यदि ऐसा न होता तो हमारे नेता भाषण देने के लिए हिंदी ना सीखते, मोबाइल में भी हर चीज अंग्रेजी के साथ साथ हिंदी में ना होती ।
हिंदी का प्रचार करने में हमारे हिंदी सिनेमा का भी बहुत बड़ा हाथ है । इसकी वजह से हिंदी अहिंदी भाषी प्रदेशों में भी लोकप्रिय हो रही है । विदेशों में भी लोकप्रिय हो रही है ।
हिंदी विश्व में चौथे नंबर पर बोली जाने वाली भाषा है । विदेशी कम्पनियाँ भी अपना बाजार बनाने के लिए हिंदी को बढ़ावा दे रही हैं । उन्हें पता है कि हमें अगर भारत में व्यापार करना है तो हिंदी को अपनाना होगा ।
हम सभी हिंदी भाषियों को भी अपना कर्तव्य निभाना होगा । हमें हिंदी की उन्नति में अपना योगदान देना होगा ।
आजकल हिंदी भाषी ही हिंदी के दुश्मन बने हुए हैं । अपने छोटे-छोटे बच्चों से हिंदी की जगह अंग्रेजी में ही बात करते हैं । यदि वह उनसे हिंदी में बात नहीं करेंगे तो उन्हें हिंदी कैसे आएगी ? इस बात पर विचार करना चाहिए ।