जब हम कलकत्ता में रहते थे । उस कॉलोनी के सभी फ्लैट के मुख्य दरवाजे में ऑटो लॉक (यानी अपने आप बंद हो जाने वाला ताला ) लगे हुए थे । वहां हर हफ्ते किसी ना किसी के फ्लैट का दरवाजा ऑटो लॉक की वजह से बंद हो जाता था । फिर शुरू होती थी उसे खोलने की कवायद । कैसे खोले? क्या करें ? कुछ सोसाइटी में काम करने वाले कर्मचारी इस काम में दक्ष हो गए थे। वह लॉक खोल देते थे ।
एक बार हमारी पड़ोसी मिसेज बनर्जी का दरवाजा लॉक हो गया । उनका घर पहली मंजिल पर था । सब ने पूछा क्या हुआ? उन्होंने बताया बेटे ने घर की चाबी जींस की जेब में डाली हुई थी। वह अंदर कपड़े बदलने गया । कपड़े बदल कर उनका बेटा तो बाहर आ गया। चाबी जींस की जेब में छोड आया । अब घर बंद है । अंदर कैसे जाएं ?मैंने पूछा आपके पास दूसरी चाबी तो होगी। उन्होंने बताया वह मेरे पति के पास है। वह रात के 10:00 बजे आएंगे । उस समय 7:00 बज रहे थे । उन्होंने अपने बेटे से कहा महेश को ढूंढो। उससे ताला खुलवाना पड़ेगा ।
उनका बेटा मेन गेट पर पता करने गया कि महेश अभी है या नहीं । पता चला महेश आधे घंटे में आएगा ।वह हमारी सोसाइटी में पानी सप्लाई का काम करता था । आधे घंटे बाद महेश आ गया। ताला खोलने के लिए उसके पास सामान था। उसने मिसेजबनर्जी का ताला खोल दिया । मिसेज बनर्जी ने उसे धन्यवाद दिया ।
यह सब देखकर मुझे याद आया जब हमारे फ्लैट का दरवाजा अपने आप बंद हो गया था। हम सब अपने फ्लैट में पहुंचे ही थे । शाम को बच्चे खेलने चले गए पतिदेव ऑफिस में थे। मैंने सोचा नीचे चलकर बाई का पता कर लिया जाए ।मैं ताला बंद करके चाबी लेकर नीचे चली गई । मैं बाई का पता कर रही थी । तभी मेरा छोटा बेटा आया। बोला मम्मी चाबी दे दो। घर से गेद लेनी है ।
मैंने उसे चाबी दे दी । वह अपने दोस्त के साथ घर के अंदर गया ।गेद ली और बाहर आ गया। दरवाजा हवा से बंद हो गया । चाबी घर के अंदर रह गई ।बेटे ने नीचे आकर बताया मम्मी ताला बंद हो गया है ।
पहले तो मुझे समझ नहीं आया क्या करूं ? मेरे पास ना फोन था ना पैसे । मेरे बड़े बेटे की जेब में ₹9 थे । उनसे मैंने पीसीओ जाकर अपने पति को फोन करके बताया कि घर का ताला बंद हो गया है। उन्होंने सोचा दूसरी चाबी मकान मालिक के पास है उनसे ले लेंगे ।
अब यह बात मुझे कैसे बताएं मेरा फोन तो घर पर था । उन्होंने गाड़ी और ड्राइवर भेजा । ड्राइवर के फोन पर मुझसे बात की और मकान मालिक के यहां से चाबी ले आने के लिए कहा । मैं गाड़ी से मकान मालिक के यहां गई और चाबी लेकर आई । तब जाकर हमारे फ्लैट का दरवाजा खुला ।
ऑटो लॉक के ऐसे अनगिनत किस्से हैं ।