छवि

छवि आठवीं कक्षा में पढ़ने वाली एक आम बच्ची है । उसकी शैतानियाँ भी आम बच्चों जैसी हैं । आप कहेंगे फिर उसमें ऐसा क्या है ? जो उसकी कहानी लिखी जाए । वह है उसकी निडरता । वह किसी से भी नहीं डरती ।

एक दिन उसके घर में साँप घुस आया । उसकी माँ और उसके भाई-बहन डर गए । छवि ने आव देखा न ताव डंडा लाके वही उसे अधमरा कर दिया । तब तक और लोग आ गए और उन्होंने साँप को मार दिया ।

छवि की बहादुरी के और भी कारनामे है । जब उसकी मम्मी दिन में आराम करने के लिए लेटती तो बच्चों से भी कहती बाहर बहुत तेज धूप है सो जाओ । लेकिन बच्चे मम्मी के सोने का इंतजार करते । मम्मी के सोते ही आम के बगीचे में भाग जाते । वहाँ पेड़ों पर चढ़कर आम तोड़ते । चौकीदार पीछे भागता तो भाग जाते । यदि कोई बच्चा चौकीदार की पकड़ में आ जाता तो उसके घर तक शिकायत पहुँच जाती ।

छवि अपने विद्यालय में भी बहुत प्रसिद्ध थी । वह विद्यालय की दौड़ प्रतियोगिता में हमेशा प्रथम आती ।

जब अंतर विद्यालय प्रतियोगिता होती तो जिले में प्रथम आती । एक दिन छवि के घर में रात में चोर घुस आए । सब लोग सो रहे थे । छवि पानी पीने के लिए उठी थी । उसने सोचा अब क्या करूं ? तभी चोरों ने उसे देख लिया और पूछा बता रूपए पैसे और गहने कहाँ है ? छवि ने तुरंत एक कमरे की तरफ इशारा कर दिया । जैसे ही चोर अंदर घुसे । उसने दरवाजा बंद कर दिया । अपने मम्मी पापा को जगाकर चोरों के बारे में बताया । उसके पापा ने पुलिस को फोन कर दिया । चोर पकड़े गए ।

छवि अपनी बहादुरी के साथ साथ पढ़ाई में भी ठीक थी । वह बड़ी होकर पुलिस में भर्ती होना चाहती थी । इसके लिए उसे कड़ी मेहनत करनी होगी । उसकी शिक्षिका ने समझाया ।