जब जागो तभी सवेरा

अनिल एक अच्छा बच्चा था। पढ़ाई में अपना पूरा ध्यान लगाता । अपनी मम्मी के घर के कामों में मदद करता । अपने दोस्तों का प्रिय दोस्त । अनिल में इतनी सब अच्छाई होने के बाद भी एक कमी थी । काम को कल पर टालने की आदत । वह अपने लिए बड़े बड़े लक्ष्य निर्धारित करता । पर शुरू करने के नाम पर कल से करूंगा सोचता और वह कल कभी ना आता ।

इस साल अनिल दसवीं कक्षा में आया था । बोर्ड की परीक्षा होगी सभी बच्चे यह सोचकर अच्छे से पढ़ाई कर रहे थे । शिक्षक भी सभी बच्चों को अच्छे से पढ़ाई करने की सलाह दे रहे थे । अनिल भी मेहनत कर रहा था । लेकिन उसने पढ़ाई करने के लिए जो समय सारिणी बनाई थी । उस पर अमल नहीं कर पा रहा था ।

उसकी मम्मी ने उसे समझाया । बेटा तुमसे जितना हो सके अच्छे से पढ़ाई करो । देखते देखते अर्धवार्षिक परीक्षा का समय आ गया ।अब अनिल को लगता उसकी तो तैयारी ही नहीं है । अब वह अपनी समय सारिणी के हिसाब से पढ़ाई करने लगा । परीक्षा में उसके नंबर कम आए । उसकी मम्मी ने कहा बेटा तुम मेहनत करते रहो । अभी तो प्री बोर्ड परीक्षा होगी । अनिल अच्छे से मेहनत कर रहा था । दो महीने बाद जब प्री बोर्ड परीक्षा हुई तो उसके अच्छे नंबर आए ।

अनिल ने अच्छी तैयारी करके 10वीं की बोर्ड परीक्षा में 80% अंक प्राप्त किए ।

अब वह सीए बनना चाहता था । उसने 11वीं में कॉमर्स विषय लिया । अब वह पढ़ाई में या किसी भी काम में आलस नहीं करता ।

अनिल ने 12वीं कक्षा भी अच्छे अंकों से उत्तीर्ण कर ली । अब वह सीए के लिए तैयारी करने लगा । सीए की परीक्षा में छात्रों को बहुत मेहनत करनी पड़ती है । तब ही वह इस परीक्षा में सफल हो पाते हैं ।

अनिल ने अपना लक्ष्य तय कर लिया था । उसे प्राप्त करने के लिए वह मेहनत भी कर रहा था ।

तीन साल की कड़ी मेहनत के बाद अनिल ने सीए की परीक्षा पास कर ली । अब वह सीए बन गया है और लोगों की वित्तीय समस्याओं को सुलझाता है ।

आज वह सोचता है यदि उसने दसवीं कक्षा में अर्धवार्षिक परीक्षा के बाद से कड़ी मेहनत ना शुरू की होती तो वह इस मुकाम पर नहीं पहुंच पाता । उसे यह कहावत अपने ऊपर सही लगती है जब जागो तभी सवेरा ।