दोस्ती – हमेशा (भाग 2)

अमर की कंपनी ने उसे एक प्रोजेक्ट के लिए मुंबई भेज दिया । वह मुंबई चला गया । मुंबई का माहौल दिल्ली से अलग था । अमर के अलावा दो लोग और दिल्ली से मुंबई आए थे आकाश और विकास । अमर के सहकर्मी थे ।

वह तीनों एक ही फ्लैट में रहते थे । छुट्टी के दिन तीनों कहीं घूमने चले जाते । बाहर ही खाना खाकर आ जाते । तीनों को थोड़ा बहुत खाना बनाना आता था । कभी-कभी घर पर बना लेते थे । कुछ ही दिनों में तीनों प्रोजेक्ट में ज्यादा व्यस्त हो गए ।

अमर अपने मम्मी पापा से रोज बात करता । रमा उससे पूछती कोई लड़की मिली । अमर कहता लड़कियां तो बहुत मिली । मुझे जैसी चाहिए वैसे नहीं मिली । रमा कहती जल्दी ढूंढ । 2 महीने तो हो गए । अमर कहता अभी 4 महीने बचे हैं ।

इधर रवि और सविता अपनी शादी की तैयारियों में व्यस्त थे । दोनों के परिवार और अमर के माता पिता उनकी मदद कर रहे थे । निशा का कोर्स पूरा हो गया था । वह एक न्यूज़ चैनल में पत्रकार की नौकरी कर रही थी ।

अमर एक दिन एक साइंस प्रदर्शनी देखने गया । उसके पास फूड फेस्टिवल भी लगा हुआ था । साइंस प्रदर्शनी देखकर वह फूड फेस्टिवल में गया । उसमें उसे एक चाट का स्टाल दिखा । अमर ने वहां जाकर आलू की टिक्की मंगाई । उसे खा कर वह बहुत खुश हुआ । उसे दिल्ली की चाट की याद आ गई । उस स्टॉल पर खाने की चीजों के बारे में अपनी राय देनी थी । अमर ने आलू की टिक्की की बहुत तारीफ लिखी । जब वह वहां से जाने लगा तो किसी ने उसे आवाज दी । देखा तो उसके साथ पढ़ने वाली शैली खड़ी थी ।

अमर ने शैली से पूछा तुम मुंबई कब आई ? शैली ने कहा 1 महीने पहले मेरा हैदराबाद से यहां स्थानांतरण हो गया और तुम दिल्ली से कब आए ? अमर ने बताया 2 महीने पहले । बातों बातों में पता चला दोनों का ऑफिस अंधेरी में है । दोनों ने एक दूसरे को फोन नंबर दिये ।

कुछ दिन बाद शैली अमर को ऑफिस के पास मिली । उसके साथ उसकी सहकर्मी तान्या भी थी । तान्या को देखकर अमर को लगा यह वही है जिसकी मुझे तलाश थी । शैली ने अमर को तान्या से मिलवाया । उसके बाद वह तीनो अक्सर मिल जाते ।

धीरे-धीरे अमर और तान्या एक दूसरे को पसंद करने लगे । एक दिन अमर ने तान्या से पूछा मुझसे शादी करोगी । तान्या ने कहा मुझे तुम पसंद हो । लेकिन मैं अपने कैरियर में बहुत व्यस्त हूं । शादी हम लोग एक साल बाद कर सकते हैं । तब तक तुम इंतजार करोगे । अमर ने कहा ठीक है । हम एक साल बाद शादी करेंगे ।तब तक सगाई तो कर सकते हैं । तान्या ने कहा ठीक है ।

अमर और तान्या ने अपने-अपने घर पर बात की । तान्या के माता-पिता भी दिल्ली में रहते थे । वह मान गए । अमर ने अपने मम्मी पापा को बताया तो वह बहुत खुश हुए । अमर ने कहा सगाई अभी होगी । शादी एक साल बाद होगी ।

1 महीने के बाद रवि और सविता की शादी थी । तय हुआ पहले अमर की सगाई होगी । फिर रवि और सविता की शादी होगी । अमर ने सविता को तान्या के बारे में बताया । सविता बहुत खुश हुई ।अमर ने शैली को अपनी सगाई का निमंत्रण दिया । शैली ने अमर और तान्या से कहा मैं तुम दोनों के लिए बहुत खुश हूं । मैं सगाई में जरूर आऊंगी ।

रवि और सविता की शादी से 1 हफ्ते पहले अमर और तान्या दिल्ली पहुंच गए । दोनों के परिवार मिले । एक दूसरे को पसंद किया । 2 दिन बाद सगाई बहुत धूमधाम से हुई । अमर ने तान्या को रवि और सविता से मिलवाया । उसने तान्या से कहा मेरी सबसे अच्छी दोस्त । तान्या ने कहा मैं और रवि इस दोस्ती को निभाने में तुम दोनों की मदद करेंगे । शैली ने अपना वादा निभाया वह सगाई में आई । निशा से उसकी दोस्ती हो गई ।

शैली को सब से मिलकर बहुत अच्छा लगा । रवि , सविता , अमर, तान्या , निशा ने मिलकर उससे शादी में शामिल होने के लिए कहा । शैली मान गई ।

रवि और सविता की शादी में सब ने बहुत मस्ती की । शादी बहुत अच्छे से संपन्न हुई । शादी के 2 दिन बाद रवि , सविता हनीमून पर चले गए । अमर , तान्या , शैली वापस मुंबई लौट गए । अमर की कंपनी ने प्रोजेक्ट 6 महीने और बढ़ा दिया था । निशा अपने काम में व्यस्त हो गई ।