नंदिनी की नयी सोच

नंदिनी जमाने से नाराज थी । उसे समझ ही नही आता था, जब इन्सान को पता है कि जो रीति-रिवाज बनाये गए है उनमें से ज्यादातर वक्त के हिसाब से पुराने हो चुके हैं । फिर भी लोग उन्हें क्यों निभाना चाहते हैं ? उनमें से एक रिवाज है दहेज का जो आज भी निभाया जा रहा है । किसी और कि क्या कहें, जब उसके माता-पिता ही कहते हैं “बेटी कि शादी करनी है तो दहेज तो देना ही पड़ेगा ।”

नंदिनी पढ़ने में बहुत अच्छी थी । अब वह एक बैंक में नौकरी कर रही है । नंदिनी के माता-पिता अब उसकी शादी करना चाहते है । नंदिनी भी शादी करना चाहती है, पर उसकी एक शर्त है । वह उसी लड़के से शादी करेगी जो बिना दहेज के शादी करने को तैयार होगा ।

नंदिनी के माता-पिता उसके लिए कई लड़के देख चुके हैं । सब कुछ ठीक होता है लेकिन जब नंदिनी की शर्त वाली बात आती है तो रिश्ता बनने से पहले ही ख़त्म हो जाता है ।

इसी तरह एक साल बीत गया । इस बार उसके माता-पिता ने कहा बेटा हमने तो हार मान ली, अगर तुम्हें कोई ऐसा लड़का मिलता है तो ले आओ हम उससे तुम्हारी शादी कर देंगे । नंदिनी ने कहा ठीक है ।

६ महीने बाद नंदिनी को ऐसा लड़का मिला जो बिना दहेज के शादी करने को तैयार था । वह भी एक बैंक में नौकरी करता था । नंदिनी शादी कि वेबसाइट के जरिये उससे मिली ।

जब दोनों की पहली मुलाकात हुई, नंदिनी ने पूछा आप कैसे है? आप किस तरह कि शादी चाहते हैं ? राजीव ने कहा देखिये मैं कम से कम पैसों में शादी करना चाहता हूँ क्योंकि शादी के बाद हमें घर का सामान लेने के लिए पैसो कि जरूरत पड़ेगी । हम लोग या तो दोनों परिवारों कि उपस्थिति में कोर्ट मैरिज कर लेंगे या मंदिर में शादी कर लेंगे ।

नंदिनी ने कहा – “शादी कि रस्मों के बिना शादी करने में मज़ा नहीं आएगा ।” मंदिर में शादी करने के बाद हम लोग कोर्ट मैरिज कर लेंगे । राजीव ने कहा उसके बाद हम लोग एक पार्टी दे देंगे । नंदिनी ने कहा ठीक है ।

नंदिनी राजीव को अपने माता-पिता से मिलवाने ले गयी । उसके माता-पिता को भी राजीव अच्छा लगा । नंदिनी ने अपने पापा से कहा ” मैंने राजीव और उसके परिवार के बारे में पूरी छानबीन कर वाली है, आप भी एक बार पता करवा लीजिये ।

सब प्रकार से संतुष्ट होकर दोनों के परिवार उनकी शादी के लिए तैयार हो गए । दोनों के घरों में शादी से पहले वाली सभी रस्में हुईं । दोनों के परिवार वालों के आशिर्वाद के साथ मंदिर में शादी की । बाद में शादी को रजिस्टर भी करा लिया ।

शादी के बाद नंदिनी और राजीव किराए के फ्लैट में रहने चले गए । राजीव का परिवार दूसरे शहर में रहता था ।

शादी में मिले उपहारों में कुछ तो जरूरत का सामान मिल गया । कुछ उन्होंने खरीदा । जो सामान उन्होंने खरीदा उसमें दोनों ने आधे-आधे पैसे लगाए । उनकी शादी आराम से कम पैसों में हो गयी ।

नंदिनी ने जैसी शादी करने के लिए सोचा था वैसी ही शादी की ।