नेहा का निर्णय ( भाग 1)

नेहा गाँव की एक भोली भाली लड़की है । अभी उसने 12वीं की परीक्षा पास की है । उसकी मम्मी का नाम रमा है । उसके पिता अमर ने उसकी शादी अपने बचपन के दोस्त रमेश के बेटे अभिषेक के साथ तय कर दी है । अभिषेक एक आर्मी ऑफिसर है । उसने अपनी शादी की जिम्मेदारी अपने माता-पिता को दी है ।

नेहा और अभिषेक ने एक दूसरे को देखा और पसंद किया । अभिषेक की छुट्टियां थी तो 15 दिन के अंदर शादी हो गई । शादी के एक हफ्ते बाद अभिषेक अपनी ड्यूटी पर वापस चला गया । उसने नेहा से कहा अबकी बार जब आऊंगा । तुम्हें भी साथ ले चलूंगा । तब तक कुछ दिन मम्मी पापा के पास रहो ।

अभिषेक जब वापस नौकरी पर पहुँचा तो बहुत खुश था । उसने अपने दोस्तों को अपनी शादी के बारे में बताया । सब को पार्टी दी । कुछ दिन बाद उसका दोस्त श्याम अपनी पत्नी माया को लेकर आया । माया शहर की पढ़ी-लिखी लड़की थी । माया को देखकर अभिषेक को लगा नेहा तो ऐसी बिल्कुल नहीं है । एक दिन ऑफीसर्स क्लब में एक पार्टी थी । वहाँ आर्मी ऑफिसर की पत्नियों को देखकर अभिषेक को लगा । मुझे नेहा से शादी नहीं करनी चाहिए थी ।

अभिषेक ने नेहा से कहा था । मैं तुम्हें 2 महीने बाद ले जाऊंगा । जब 2 महीने होने वाले थे । उसने नेहा से कहा अभी छुट्टी नहीं मिल रही है । धीरे-धीरे उसके फोन आने भी कम हो गए । नेहा अपनी सास सविता जी और ससुर रमेश जी के पास रहकर उनकी लाडली बहू बन गई थी । पर अभिषेक की याद तो आती थी ।

1 दिन अभिषेक के पापा रमेश जी ने अभिषेक से कहा बेटा तुझे छुट्टी नहीं मिल रही हो तो हम दोनों नेहा को छोड़ने आ जाते हैं । अभिषेक ने कहा नहीं आप मत आओ । मैं आऊंगा । लेकिन अभिषेक नहीं आया । इसी तरह 1 साल हो गया । अब सविता और रमेश जी को चिंता होने लगी ।

रमेश जी ने अभिषेक को फोन पर डाँट कर पूछा क्या बात है ? तुम नेहा को लेकर क्यों नहीं जाते ? अभिषेक ने कहा मैं नेहा के साथ रहना नहीं चाहता मुझे उससे तलाक चाहिए । नेहा ना तो ज्यादा पढ़ी लिखी है ना अंग्रेजी बोल पाती है । रमेश जी ने कहा यह सब तुमने नेहा से शादी करने से पहले क्यों नहीं सोचा ? उसकी जिंदगी बर्बाद क्यों की ? अभी भी वह यह सब सीख सकती है । अभिषेक ने कहा गलती हो गई । पर अब मैं अपनी गलती सुधारना चाहता हूँ ।

रमेश जी ने सविता और नेहा को पूरी बात बताई । दोनों रोने लगी । नेहा ने कहा अब मेरा क्या होगा ? रमेश जी ने कहा बेटा अभिषेक को छोड़ो । तुम क्यों उसके पीछे अपनी जिंदगी बर्बाद करोगी ? तुम अपनी अधूरी पढ़ाई पूरी करो । अपने पैरों पर खड़ी हो । नेहा ने कहा मुझे सोचने का समय दीजिए ।

2 दिन बाद नेहा ने कहा पापा आप ठीक कहते हैं । मैं कॉलेज में दाखिला लेकर अपनी पढ़ाई पूरी करुँगी । रमेश जी ने नेहा का कॉलेज में दाखिला करवा दिया । नेहा कॉलेज की पढ़ाई के साथ इंग्लिश स्पीकिंग का कोर्स भी करने लगी । सविता जी ने कहा बेटा तू अपनी पढ़ाई पर ध्यान दे । घर मैं सम्भालूँगी ।

नेहा ने बी . ए . में दाखिला लिया । विषय लिए हिंदी , अंग्रेजी , अर्थशास्त्र । नेहा मेहनत से पढ़ाई करने लगी । वह शिक्षिका बनना चाहती थी । इसी तरह 1 साल बीत गया । नेहा ने अच्छे से पढ़ाई की और अच्छे नंबर लेकर पास हुई । नेहा अंग्रेजी भी बोलने लगी थी । घर पर वह रमेश जी के साथ अंग्रेजी बोलने की प्रैक्टिस करती । नेहा की कॉलेज में एक सहेली बनी । जिसका नाम राशि था । राशि भी उसे शहरी तौर तरीके सिखाने में मदद करती । 1 साल में नेहा में काफी बदलाव आ गया ।

नेहा अब पढ़ाई के साथ-साथ बीएड प्रवेश परीक्षा की तैयारी भी करने लगी । उसने बीए की परीक्षा अच्छे अंको से उत्तीर्ण की । उसका बीएड में चयन हो गया ।

इस तरह 3 साल बीत गए । अब नेहा को देखकर कोई नहीं कह सकता था । वह कभी गाँव में रही होगी । रमेश जी ने अभिषेक के साथ नेहा के तलाक की कार्रवाई शुरू कर दी थी । वह भी चल रही थी । रमेश जी ने अभिषेक को फोन पर कहा कोर्ट में 15 दिन बाद की तारीख मिली है, आ जाना । तुम्हारा तलाक हो जाएगा ।