नेहा बीएड की पढ़ाई के साथ-साथ टीईटी ( टीचर एलिजिबिलिटी टेस्ट ) की तैयारी भी कर रही थी । उसने रमेश जी और सविता जी से कहा मेरी वजह से आप दोनों अभिषेक से नाराज ना हो । वह आपके बेटे हैं । रमेश जी और सविता जी अभिषेक से हफ्ते में एक बार बात कर लेते थे । उन्होंने अभिषेक से कहा बेटा कब तक अकेले रहोगे ? शादी कर लो । तुम्हें कोई लड़की पसंद हो तो हमें बताओ । नहीं तो हम ढूंढ लेंगे । तुम्हें कैसी लड़की पसंद है ? यह बताओ । अभिषेक ने कहा मम्मी पापा मैं अभी शादी नहीं करना चाहता । रमेश जी और सविता जी ने कहा ठीक है । बेटा अच्छे से सोच लो ।
2 साल बाद नेहा का बीएड पूरा हो गया । उसने टी ई टी भी पास कर लिया । एक महीने बाद उसे विद्यालय में नौकरी मिल गई । यह विद्यालय दूसरे शहर में था । रमेश जी और सविता जी उसे वहाँ पर छोड़कर आए । कुछ दिनों के बाद नेहा के मम्मी-पापा रमा जी और अमर भी नेहा के पास आए । उन्होंने नेहा से कहा बेटा अब तुम्हारा कैरियर बन गया है । अब शादी के बारे में सोचो । तुम्हें कैसा लड़का पसंद है ? हमें बताओ । नेहा ने कहा मम्मी पापा अभी मैं शादी नहीं करना चाहती हूँ ।
नेहा और अभिषेक दोनों अपनी अपनी नौकरी में व्यस्त थे । नेहा जब भी शादी के बारे में सोचती तो उसे अभिषेक की याद आती । नेहा उससे नफरत भी बहुत करती थी । लेकिन नफरत करने से पहले वह उससे प्यार भी बहुत करती थी । उसकी जिंदगी ठहर गई थी । वह आगे नहीं बढ़ पा रही थी ।
अभिषेक सोचता जब मैंने पहली बार नेहा को देखा था । मुझे पसंद आई थी तभी हमारी शादी हुई थी । शादी के बाद मैं बहुत खुश था । दूसरों की पत्नियों को देखकर में ऊपरी चकाचौंध में खो गया । मैंने नेहा से झूठ बोला । फिर बिना उसकी किसी गलती के उसे तलाक देने जैसा गलत कदम उठाया । मम्मी पापा ने कितना समझाया । मैं नहीं समझा । मैं भी तो उसे आगे पढ़ने के लिए और शहरी व्यवहार सीखने के लिए कह सकता था । यह सब सीखने में मैं उसकी मदद कर सकता था ।
जब तलाक देने गया तो उसे बदला हुआ देखकर कहने लगा मुझे तलाक नहीं चाहिए । नेहा ने सही कहा था मैंने तलाक देने की बात कह कर उसका दिल तोड़ा था । तलाक ना लेने की बात कहकर दोबारा उसका दिल तोड़ा । अब मैं बाकी जिंदगी नेहा की यादों के सहारे काट दूँगा । यही मेरा प्रायश्चित होगा । मैं मम्मी पापा को बता दूँगा कि मैं अब शादी नहीं करना चाहता ।
नेहा और अभिषेक दोनों शादी के लिए मना कर रहे थे । उन दोनों की मम्मी पापा को समझ में नहीं आ रहा था क्या करें ? कैसे दोनों को दोबारा शादी करने के लिए तैयार करें । अभिषेक अपने मम्मी पापा सविता जी और रमेश जी से मिलने आया हुआ था । उसकी 15 दिन की छुट्टी थी । अभी उसे आए 2 दिन ही हुए थे कि आर्मी ऑफिस से फोन आया सीमा पर गड़बड़ी हो रही है । तुम्हें तुरंत वहां पहुँचकर मोर्चा संभालना है । अभिषेक ने अपने मम्मी पापा को बताया मुझे तुरंत कश्मीर जाना होगा । अभिषेक कश्मीर के लिए रवाना हो गया । वहाँ पहुंच कर उसने अपनी रेजीमेंट को संभाला । अभिषेक अपने उच्च अधिकारियों के निर्देशों का पालन कर रहा था । इसी तरह एक हफ्ता बीत गया ।
अभिषेक अपने मम्मी पापा से भी दो-तीन दिन में एक बार बात कर पाता था । उसके मम्मी पापा टीवी पर समाचार देखते रहते । अभिषेक के लिए भगवान से प्रार्थना करते । नेहा भी फोन पर सविता जी और रमेश जी (अभिषेक के मम्मी पापा ) से बात करती रहती । एक दिन टीवी पर खबर आई कुछ अफसर और सैनिक लापता है । भारतीय सेना उन्हें ढूँढ रही है । सेना द्वारा यह संदेह व्यक्त किया जा रहा था कि या तो वे लोग बर्फ के तूफान में दब गए या दुश्मन देश के सैनिकों ने उन्हें बंदी बना लिया है । लापता अफसरों में अभिषेक का नाम भी था ।
रमेश जी ने चिंतित होकर सेना मुख्यालय में बात की । उन्होंने रमेश जी को बताया आप परेशान ना हो हम उन्हें ढूँढ़ने की पूरी कोशिश कर रहे हैं । नेहा और उसके मम्मी पापा रमा और अमर भी रमेश जी और सविता जी के पास आ गए ।