आज से 30 साल पहले जब हमारे देश में एमबीए की पढ़ाई होनी शुरू हुई थी । यूनिवर्सिटी में यह कोर्स शुरू किया जा रहा था । उस समय बहुत कम लड़के इस कोर्स को करते थे । लड़कियाँ तो इसे ना के बराबर करती थी । उनके माता-पिता उन्हें एमबीए इस लिए नहीं करने देते थे कि लड़कियाँ सारा समय ऑफिस मे ही देंगी तो घर कब संभालेंगी ।
शालिनी उस समय बीएससी कर रही थी । उसने सोचा इसके बाद वह एमबीए करेगी । बीएससी पूरी होने के बाद उसने एमबीए में दाखिला ले लिया । यह कोर्स उसे अच्छा लगा उसने अच्छे से पढ़ाई की । जब एमबीए का रिजल्ट आया तो उसकी यूनिवर्सिटी में सेकंड पोजीशन आई थी । वह बहुत खुश हुई । घर पर जाकर अपने मम्मी पापा को बताया वह भी बहुत खुश हुये ।
शालिनी ने अपने पापा से कहा अब मुझे नौकरी करनी है । उसके पापा ने कहा बेटा अब तुम शादी कर लो उसके बाद नौकरी करना ।शालिनी ने कहा यहाँ आप मुझे नौकरी नहीं करने दे रहे । शादी के बाद उन लोगों ने भी नौकरी नहीं करने दी तो मैं क्या करुँगी ।
शालिनी के पापा ने कहा बेटा हम शादी से पहले इस बारे में बात कर लेंगे ।
शालिनी की शादी अमर से तय हुई । शालिनी शादी के बाद एमबीए वाली नौकरी करेगी । यह बात भी शादी से पहले तय हो गई । अमर ने भी एमबीए किया हुआ था । वह एक कंपनी में मैनेजर था । उसकी भाभी भी नौकरी करती थी ।
शादी के बाद दो-तीन महीने तो घूमने फिरने में निकल गए । परिवार में सामंजस्य करने में लग गए । अब शालिनी ने अमर से कहा मुझे भी नौकरी के लिए आवेदन करना है । अमर ने कहा एमबीए वाली नौकरी तुम मत करो । ऐसा करो बी. एड कर लो और शिक्षिका बन जाओ ।
शालिनी ने अपने पापा को बताया जो अमर ने कहा था । उसके पापा ने कहा बेटा ठीक है तुम बी. एड कर लो । शालिनी ने कहा मुझे बी.एड नहीं करना मैं शिक्षिका नहीं बनना चाहती । उसके मम्मी पापा ने उसे समझाया बेटा अब तुम्हारी शादी हो गई है बचपना छोड़ो । समझदारी से काम लो ।
शालिनी का दिल टूट गया । उसने अमर से शादी तो निभाई लेकिन एक समझौते की तरह । उसने बी. एड किया शिक्षिका बनी । शादी के 4 साल बाद उसका बेटा हुआ । उसके 3 साल बाद बेटी हुई ।
आज उसकी शादी को 10 साल हो गए हैं । घर बाहर सभी जगह लोग उनके परिवार को आदर्श परिवार मानते हैं । लेकिन शालिनी जानती है । यह आदर्श परिवार नहीं है । यहाँ उसके सपनों की कोई कीमत नहीं है ।
आज शालिनी की शादी की 25वीं सालगिरह है । उसका बेटा आनंद 21 साल का है और उसकी बेटी सिया 18 साल की है । बेटा इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर रहा है । बेटी इस साल कॉलेज जाएगी । दोनों बच्चे मम्मी पापा की शादी की सालगिरह को स्पेशल बनाना चाहते हैं । उन्होंने घर पर पार्टी रखी है ।सब बहुत खुश है । पार्टी में सब ने बहुत मस्ती की ।
शालिनी की बेटी सिया बीबीए करना चाहती है । उसके बाद में एमबीए करेगी । 5 साल का कोर्स है । शालिनी और अमर ने उसका बीबीए में दाखिला करा दिया । 3 साल बाद शालिनी का बेटा आनंद नौकरी करने लगा । सिया ने एमबीए में दाखिला लिया । 2 साल बाद अपनी पढ़ाई पूरी करके सिया ने अमर से कहा पापा में नौकरी करने मुंबई जा रही हूं । मेरा केंपस सिलेक्शन हो गया है । अमर ने सिया से कहा बेटा पहले शादी कर लो । फिर नौकरी करना ।
सिया ने कहा नहीं पापा मैं अपने निर्णय खुद लूंगी । मेरी जिंदगी में कैरियर पहले है शादी बाद में । अमर ने कहा ठीक है ।
शालिनी सोचने लगी 30 साल में कितना बदलाव आ गया है । अब अमर की सोच को ही देख लो । उसे एमबीए की नौकरी करने से मना करने वाला अमर सिया को कैसे खुशी-खुशी भेज रहा है ।
शालिनी ने सोचा अब मैं भी अपनी जिंदगी को अपने हिसाब से जिऊंगी । बहुत जी ली दूसरों के हिसाब से । शालिनी ने अमर से कहा अब मैं शिक्षिका की नौकरी छोड़ रही हूं । अब मैं घर पर सुकून के कुछ पल बिताना चाहती हूं । अमर ने कहा हमारे खर्चे कैसे मैनेज होंगे ? शालिनी ने कहा अब दोनों बच्चे नौकरी कर रहे हैं । उनकी पढ़ाई का कोई खर्च नहीं है । सब मैनेज हो जाएगा ।
मैं अब शांति चाहती हूँ । जो मुझे ठीक लगेगा वह मैं करूंगी । जो तुम्हें ठीक लगे वह तुम करो । शालिनी ने अपने पापा को फोन पर बताया । पापा उस समय आपने और अमर ने मेरे सपनों को तोड़ा था । तब मैंने समझौता कर लिया था । पर अब मैं कोई समझौता नहीं करूँगी । मैं अपनी जिंदगी अपने हिसाब से जिऊंगी । मैं अपनी जिंदगी में आए बदलाव से बहुत खुश हूँ ।
शालिनी के बच्चौ आनंद और सिया ने भी शालिनी का समर्थन किया । तो अमर को भी शालिनी का निर्णय मानना पड़ा ।