माँ का सपना – डॉक्टर बेटी

कविता आज डॉक्टर बन गई है । पर वह डॉक्टर बनकर खुश नहीं है । क्योंकि वह डॉक्टर नहीं बनना चाहती थी । वह तो साहित्य की प्रोफ़ेसर बनना चाहती थी । पर उसके पापा ने उससे बचपन से ही यही कहा कि तुम्हें डॉक्टर बनकर अपनी माँ का सपना पूरा करना है । कविता की माँ जब वह आठवीं कक्षा में थी तब नहीं रही ।

कविता के पापा मम्मी ने प्रेम विवाह किया था । कविता के नाना जी डॉक्टर थे । वह कविता की मम्मी मीना को भी डॉक्टर बनाना चाहते थे । पर मीना को अजय से प्यार हो गया । वह दोनों शादी करना चाहते थे । मीना ने अपने पापा से कहा मैं डॉक्टर नहीं बनना चाहती । अजय से शादी करना चाहती हूँ । अजय एयरफोर्स में पायलट था । मीना के पिता ने कहा तुम्हें जो करना है करो । आज से मेरा तुम्हारा कोई रिश्ता नहीं है ।

मीना ने अपने पिता की मर्जी के खिलाफ अजय से शादी कर ली । अजय और मीना अपनी शादी से बहुत खुश थे । शादी के 2 साल बाद कविता का जन्म हुआ । कविता बचपन से ही मेधावी छात्रा थी । उसे कविताएं लिखने का बहुत शौक था । जब कोई उससे पूछता बड़े होकर क्या बनोगी । वह कहती मैं कविता लिखूंगी । लेकिन मीना कहती नहीं तुम डॉक्टर बनोगी ।

जब कविता छोटी थी तभी उसकी माँ की सड़क दुर्घटना में मृत्यु हो गई । मीना की मृत्यु के बाद कविता को उसके पापा और दादी ने संभाला । उसकी सहेली रिचा की मम्मी उसे भी रिचा की तरह प्यार करती। जब कविता 11वीं कक्षा में आई उसने अपने पापा से कहा मैं साहित्य की पढ़ाई करना चाहती हूँ । अजय ने कहा नहीं तुम्हें अपनी माँ का सपना पूरा करना है । डॉक्टर बनना है क्योंकि तुम्हारे नाना जी तुम्हारी मम्मी को डॉक्टर बनाना चाहते थे । वह नहीं बन पाई । पर उन्होंने सोचा था तुम्हें डॉक्टर बनाकर वह तुम्हारे नाना जी का सपना पूरा करेंगी । कविता ने कहा ठीक है ।

कविता ऐसी बच्ची थी । यदि वह ठान ले तो उसके लिए कुछ भी असंभव नहीं है । कविता ने 12वीं की पढ़ाई साइंस विषय लेकर की । नीट की परीक्षा दी । उसका मेडिकल में चयन हो गया । जब वह मेडिकल कॉलेज में पहुँची । उसे लगा जब वह यहाँ आ गई है तो अब अच्छे से पढ़ाई करनी होगी । कविता कभी फेल नहीं होती ।

5 साल की पढ़ाई के बाद अब कविता डॉक्टर बन गई है । लेकिन उसे लगता है वह किसी का ठीक से इलाज नहीं कर पाएगी । एक हॉस्पिटल में उसकी इंटर्नशिप शुरू हो गई है । वह अब भी कविताएं लिखती है । उसकी कविताएं छपती है । उसकी कुछ किताबें भी छप चुकी हैं । वह अपने को कवियत्री ज्यादा डॉक्टर कम मानती हैं ।

कविता हॉस्पिटल में मेहनत से इंटर्नशिप कर रही है । सीनियर डॉक्टर उसके काम से खुश हैं ।

कविता की सहेली रिचा इंजीनियर बन गई है । वह अपने कैरियर में खुश है । रिचा को एक डॉक्टर आकाश से प्यार हो जाता है । वह कविता से पूछती है तुझे कोई मिला या नहीं । कविता कहती है अभी तो नहीं ।

कविता के हॉस्पिटल में एक नये सीनियर मोस्ट डॉक्टर आए हैं । उनका नाम डॉक्टर अरुण है । वह कविता में एक अच्छा डॉक्टर बनने की संभावना देखते हैं । एक दिन जब कविता के पापा उसे लेने हॉस्पिटल आते हैं तो उनकी मुलाकात डॉक्टर अरुण से हो जाती है । वह कविता के नाना जी थे । वह अजय से पूछते हैं तुम यहाँ कैसे ? अजय बताता है मेरी बेटी यहाँ पर डॉक्टर है । तभी कविता वहाँ पर आ जाती है । अजय उसे बताता है कि डॉक्टर अरुण उसके नानाजी हैं । अजय डॉक्टर अरुण से कहता है आप कभी हमारे घर आइए ।

कविता डॉक्टर अरुण से पूछती है क्या आप मेरी माँ से अभी तक नाराज हैं ? डॉक्टर अरुण कहते हैं नहीं । लेकिन 25 साल पहले बहुत नाराज था क्योंकि उसने डॉक्टर बनने की जगह शादी कर ली । कविता डॉक्टर अरुण से कहती है पता है नानाजी उसका भुगतान मुझे करना पड़ा । मम्मी पापा ने मुझे जबरदस्ती डॉक्टर बनाया । डॉक्टर अरुण कहते हैं लेकिन बेटा तुम सही में एक अच्छी डॉक्टर हो । कविता कहती है आप कहते हैं तो मान लेती हूँ। मैं एक अच्छी डॉक्टर बनने की पूरी कोशिश करुँगी । जब डॉक्टर अरुण को पता चलता है मीना नहीं रही । तो वह बहुत दुखी होते हैं ।

डॉ अरुण एक दिन अजय के घर जाते हैं । वहाँ पर अजय , कविता और उसकी दादी उनका स्वागत करते हैं । डॉक्टर अरुण बताते हैं कविता जिस हॉस्पिटल में इंटर्नशिप कर रही है । वह उनके एक शिष्य का है । उसने उन्हें कुछ दिनों के लिए बुलाया है । डॉक्टर अरुण एक जाने-माने हृदय रोग विशेषज्ञ हैं । वह कविता से पूछते हैं तुम पीजी किस में करना चाहती हो । कविता कहती है पहले मैं अपने अंदर के डॉक्टर को ढूँढना चाहती हूँ ।

कविता की इंटर्नशिप खत्म होने वाली थी । हॉस्पिटल की तरफ से उसे जॉब के लिए ऑफर दिया जाता है । कविता धीरे-धीरे अपने अंदर छिपे डॉक्टर को जान जाती है । वह पीजी की तैयारी करती है । उसका चयन हो जाता है । वह पीजी की पढ़ाई के समय अपने डॉक्टर साथी संजय की ओर दोस्ती का हाथ बढ़ाती है । पढ़ाई पूरी होते होते दोनों की दोस्ती प्यार में बदल जाती है ।

कविता और संजय दोनों के परिवार इस शादी के लिए मान जाते हैं । कविता की शादी में रिचा बहुत मदद करती हैं । कुछ दिन बाद रिचा और डॉक्टर आकाश की शादी होती है । तब कविता और संजय मदद करते हैं ।

10 साल बाद कविता का नाम शहर के अच्छे हृदय रोग विशेषज्ञ में लिया जाता है । उसके पति संजय एक अच्छे नेत्र विशेषज्ञ हैं । दोनों मिलकर अपनी प्रोफेशनल और पर्सनल लाइफ को बेहतर बना रहे हैं । दोनों के परिवार उनकी इस काम में मदद करते हैं । कविता और उसके नाना जी बहुत खुश हैं ।