रेल के सफर तो मैंने पहले भी बहुत किए थे। लेकिन मेरी पहली लंबी रेल यात्रा दिल्ली से गुवाहाटी थी । यह सफर हमने नॉर्थ ईस्ट एक्सप्रेस से पूरा किया । यह सफर रेलवे की समय सारणी के हिसाब से 36 घंटे में पूरा होता था । जबकि वास्तव में 40 42 घंटे लग जाते थे। भारतीय रेल लेट जो होती है । इतनी लंबी यात्रा में इतना लेट होना तो बनता है ।
दिल्ली से रेल सुबह 6:00 बजे चली और अगले दिन शाम को 6:00 बजे उसे गुवाहाटी पहुंचना था । रेल दिल्ली से चलकर कानपुर, मुगलसराय ,पटना ,कूचबिहार ,न्यू जलपाईगुड़ी होते हुए गुवाहाटी पहुंचने वाली थी ।
हमने अपने साथ खाना रख लिया था । तीन टाइम की पूरी, सब्जी ,अचार आदि बाकी नमकीन ,बिस्किट, फल आदि सब रख लिया था । रास्ते में कुछ अच्छा मिलेगा तो उसे भी ले लेंगे ।
जब हम रेल के डिब्बे में पहुंचे तो देखा हमारे सभी सहयात्री आ चुके थे । हमने भी अपनी सीटके नीचे अपना सामान रखा और अपनी सीट पर बैठ गए ।
मुझे किताबें पढ़ने का बहुत शौक है। तो मैंने अपने साथ 7 ,8 किताबें रख ली । इतने लंबे सफर में इतनी किताबें तो पढ ही सकते हैं ।तब मोबाइल और इंटरनेट की सुविधा नहीं थी । शाम के 6:00 बजे रेल मुगलसराय स्टेशन पहुंची । यहां पर रेल 30 मिनट रुकती थी । क्योंकि इंजन बदलता था तो आप स्टेशन पर उतरकर कुछ लेना चाहे तो ले सकते थे । रात का खाना खाकर हम लोग सो गए ।सुबह उठे तो पता चला रेल 4 घंटे देरी से चल रही है । रेल में 10:00 बजे आने वाला स्टेशन न्यू जलपाईगुड़ी दिन में 2:00 बजे आया ।
न्यू जलपाईगुड़ी से गुवाहाटी स्टेशन के बीच में विदेशी सामान बेचने वाले आ जाते थे । वह सभी रेल के डिब्बों में घूम घूम कर सामान बेचते थे। जिनमें मुख्यतः टॉर्च ,इमरजेंसी लाइट ,खिलौने ,सजावटी सामान रहता था । वह पहले बहुत ज्यादा कीमत बताते थे । बाद में कम दाम में सामान दे जाते थे । उनसे मोलभाव करते लोगों को देखते हुए गुवाहाटी तक समय ऐसे ही बीत गया ।
6:00 बजे की जगह रात के 10:00 बजे 40 घंटे बाद गुवाहाटी पहुँची ।
इस तरह मेरी पहली लंबी रेल यात्रा पूरी हुई ।