रवि आज बहुत खुश है । आज उसका एक सपना जो उसने अपने माता-पिता के लिए देखा था, वह पूरा हो गया । वह जल्दी से जल्दी यह खुशखबरी अपने माता पिता को देना चाहता है।
रवि आज ऑफिस से घर जल्दी आ गया । आते ही अपनी माँ के गले लग गया और बोला माँ हाथ आगे बढ़ाओ । उसकी माँ ने पूछा क्या बात है ? उसने कहा पहले आप हाथ दो । उसकी जिद देखकर उसकी माँ ने हाथ आगे बढ़ाया । उसने अपनी माँ के हाथ में एक चाबी रख दी । उसकी माँ ने पूछा यह किस की चाबी है ? रवि ने कहा आपके फ्लैट की माँ । रवि ने मम्मी पापा दोनों से कहा आप लोग जल्दी से तैयार हो जाइए । हम लोग फ्लैट देखने चलेंगे ।
रवि अपने माता-पिता के साथ अपना फ्लैट देखने गया । जब वह लोग फ्लैट के सामने पहुँचे । उसने माँ से कहा ताला खोलिए । उसकी माँ ने जब ताला खोला तीनों लोग अंदर गए । उसने अपने मम्मी पापा के लिए 3 बैडरूम फ्लैट लिया था । रवि के माता-पिता बहुत खुश हुए । रवि ने कहा – “मम्मी पापा यह फ्लैट मैंने आपके नाम से लिया है । आप लोग इसके मालिक हैं । मैंने जो सपना देखा था । वह आज पूरा हुआ है । हम लोग अगले रविवार को यहां रहने आ जायेंगे ।”
रवि और उसके मम्मी पापा वापस अपने घर चले गये । घर पहुंचकर माँ ने सूजी का हलवा बनाकर सबको खिलाया । फिर रवि के मम्मी पापा सोने चले गए । रवि से कहा तुम भी सो जाओ । रवि की आंखों में नींद नहीं थी । उसे वह दिन याद आ रहा था । जब उसने सोचा था वह बड़ा होकर मम्मी पापा के लिए एक फ्लैट खरीदेगा ।
रवि का परिवार एक मध्यमवर्गीय परिवार था । उसके पिता एक प्राइवेट कंपनी में काम करते थे । उसके पिता का वेतन अच्छा था । उनके घर में कोई कमी नहीं थी । रवि और उसकी बहन रमा दोनों बच्चे पढ़ने में अच्छे थे । रमा ने एम.ए.करके पीएचडी की । अब एक कॉलेज में शिक्षिका थी । 2 साल पहले उसका विवाह हो गया था ।वह अपने पति अमोल के साथ खुश थी । अमोल भी उसी कॉलेज में शिक्षक था जहाँ रमा पढ़ाती थी ।
रवि ने इंजीनियरिंग की पढ़ाई अच्छे कॉलेज से की थी । वह एक एमएनसी में 5 साल से नौकरी कर रहा था । जब उसकी नौकरी लगी थी । तभी उसने सोचा था कि मैं पैसे इकटठा करके अपने मम्मी पापा के लिए एक फ्लैट लूँगा ।
ऐसा नहीं था कि उसके मम्मी पापा ने फ्लैट बुक नहीं किया था । उसके मम्मी पापा ने 10 साल पहले फ्लैट बुक किया था । बिल्डर ने कहा था 4 साल बाद दे देगा । लेकिन 10 साल होने के बाद भी अभी तक फ्लैट नहीं मिला था । रवि के मम्मी पापा के पास अब इतने पैसे नहीं थे कि वह एक और फ्लैट ले सकें । इसलिए वह लोग किराए के घर में रहते थे । रवि की वजह से उसके मम्मी पापा का अपने घर का सपना पूरा हुआ । जो बिल्डर की वजह से टूट गया था ।
रविवार को सभी अपने फ्लैट में पहुँच गए । सोसायटी अच्छी थी । वहाँ अपने फ्लैट में पहुँच कर रवि और उसके मम्मी पापा बहुत खुश हुए ।इस तरह रवि ने अपने मम्मी-पापा के अपने घर के सपने को अपना बना कर पूरा किया ।