सुधा की परेशानी

अमन और सुधा की शादी अरेंज मैरिज हुई थी.। ऐसा नहीं था कि वह एक दूसरे से बिल्कुल अनजान थे । शादी तय करते समय दोनों के घरवालों ने दोनों से पूछा था क्या वह एक दूसरे से शादी करना चाहते हैं । जब दोनों ने एक दूसरे से बातचीत करने के बाद शादी के लिए हां कहा तभी घरवालों ने रिश्ता तय किया । रिश्ता तय होने के बाद दोनों एक दूसरे से मिले । फोन पर बातें की । दोनों एक दूसरे को जानने समझने लगे । फिर उनकी शादी हुई ।

शादी अच्छे से संपन्न हो गई । शादी के बाद दोनों हनीमून पर चले गए । वहां से लौटे तो घर पर 2 दिन रुक कर वह दोनों कोलकाता चले गए । कोलकाता में अमन नौकरी करता था । अमन एक कॉरपोरेट लॉयर( वकील ) था । सुधा ने मास कम्युनिकेशन में मास्टर डिग्री ली थी । वह भी दिल्ली में नौकरी कर रही थी ।

शादी तय होने के बाद उसने अपने चैनल में कोलकाता स्थानांतरण मांगा था । उन्होंने उसे कोलकाता  स्थानांतरण दे दिया । इस तरह दोनों की नौकरी एक शहर में हो गई । शादी के 2 महीने बाद सुधा ने बिना अमन को बताएं अपनी नौकरी छोड़ दी ।

अब अमन को घर चलाने में परेशानी होने लगी क्योंकि उसने तो घर गाड़ी आदि सब यह सोच कर लिया था । दोनों का वेतन आएगा । 2 महीने तक सब ठीक चला । अब अचानक सुधा के नौकरी छोड़ देने से अमन को अपनी बचत के पैसे भी खर्च में जोड़ने पड़ते ।

सुधा घर का कोई काम भी नहीं करती थी । घर के काम के लिए बाई आती थी । खाना बनाने के लिए कुक आती थी ।

एक बार 2 दिन तक बाई नहीं आई तो बर्तन भी पड़े रहे । अमन ने यह बात अपनी मम्मी को बताई । अमन की मम्मी उनके पास कोलकाता पहुंची । उन्होंने सुधा की मम्मी को भी फोन करके कोलकाता बुला लिया था । दोनों समधन जब कोलकाता पहुंची । तो सुधा आश्चर्यचकित हो गई । उसने कुक से कहकर उनके लिए नाश्ता बनवाया ।

उसके बाद तीनों बातें करने लगी ।अमन तो नाश्ता करके टिफिन लेकर ऑफिस चला गया ।

सुधा की मम्मी ने सुधा से पूछा तुम कुछ परेशान लग रही हो । सुधा ने छुपाने की बहुत कोशिश की पर दोनों माओं के सामने उसकी एक न चली । उसने कहा कोलकाता में मैं अपनी नौकरी को लेकर परेशान हूं । यहां के ऑफिस के माहौल में और दिल्ली के ऑफिस के माहौल में बहुत फर्क है । इसलिए मैंने नौकरी छोड़ दी । अब मैं दूसरी नौकरी ढूंढ रही हूं । नौकरी छोड़ने की वजह से मैं बहुत चिड़चिड़ी हो गई हूँ । कभी-कभी अमन के साथ भी झगड़ा हो जाता है । घर का काम करने का भी मन नहीं करता ।

अमन को मैंने कुछ नहीं बताया । इसलिए वह परेशान रहता है । मैं कोलकाता में ही दूसरी जगह नौकरी ढूंढ रही हूं । जब नौकरी मिल जाएगी । तब मैं फिर से नौकरी करना शुरू कर दूंगी । मैंने यहां के समाचार पत्रों में भी आवेदन किया है ।

सुधा की सारी बातें सुनकर दोनों मां ने कहा नौकरी नहीं है तो इसमें इतना परेशान होने की बात नहीं है । आज नहीं तो कल मिल जाएगी । तब तक तुम्हें कुछ बचत करनी चाहिए । बाई को तो रहने दो । कुक को हटा दो खाना तो तुम बना ही सकती हो । सुधा ने कहा ठीक है । बाकी एक दो महीने देख लो । अमन से भी तुम्हें बात करनी चाहिए थी ।  जिससे वह परेशान ना होता ।

शाम को जब अमन ऑफिस से घर आया तो तीनों ने मिलकर उसे सारी बात बताई । दोनों की मम्मी ने दोनों को समझाया आगे कभी एक को परेशानी हो तो वह दूसरे को जरूर बताएं । अब जीवन है तो इसमें सुख दुख तो लगे ही रहेंगे । दोनों मिलकर हर परिस्थिति का सामना करना । हम सब भी हैं हमें बताओ ।

सुधा को लगा जिस समस्या को वह इतना बड़ा समझ रही थी वह सबको बताने से छोटी लगने लगी । दोनों मम्मी एक हफ्ते रूककर वापस चली गई । 2 महीने बाद सुधा को दूसरी नौकरी मिल गई । यहां का माहौल भी ठीक था ।

सुधा और अमन एक दूसरे के और करीब आ गए  और खुशी से रहने लगे ।