हम साथ साथ हैं

अरुणा रवि से शादी करना चाहती है । रवि उस का कॉलेज फ्रेंड है । पढ़ाई खत्म होने के बाद अब दोनों बैंक में नौकरी कर रहे हैं । अरुणा और रवि ने यह तय किया था कि जब हमारी नौकरी लग जाएगी । तब घर में शादी की बात करेंगे । अरुणा और रवि दोनों ही मध्यमवर्गीय परिवार से थे । दोनों का रहन-सहन एक सा था ।

अरुणा ने अपने मम्मी पापा को बताया कि वह रवि से शादी करना चाहती है । उसके मम्मी पापा ने पूछा रवि कौन है ? कहाँ रहता है ? अरुणा ने उन्हें सब बता दिया । अरुणा के मम्मी पापा ने कहा ठीक है । हमें रवि से मिलना है । रवि ने अपने मम्मी पापा को अरुणा के बारे में बताया । उसके मम्मी पापा ने कहा हम अरुणा से मिलकर फैसला लेंगे । वह तुम्हारी जीवनसाथी बनेगी या नहीं ।

अरुणा और रवि ने एक दूसरे से बात करके यह तय किया कि दोनों के मम्मी पापा को आपस में मिलवा दिया जाए । उन दोनों ने उनकी मुलाकात एक पार्क में करवाई । जब दोनों के मम्मी पापा मिले तो वे एक दूसरे से और रवि अरुणा से प्रभावित हुए । उन्होंने शादी की मंजूरी दे दी । उसके बाद सब लोग मिलकर रेस्टोरेंट में डिनर करने गए । सब बहुत खुश थे ।

अरुणा और रवि की दो महीने बाद शादी की तारीख निकली । शादी की तैयारियों में दो महीने कब निकल गए पता ही नहीं चला । अरुणा और रवि की शादी बहुत अच्छे से हुई ।

शादी के बाद दोनों रवि के माता-पिता के साथ रहते थे । दोनों एक ही बैंक में काम करते थे तो एक साथ ही आते जाते थे । सब ठीक चल रहा था । अरुणा अपने मम्मी पापा से रोज फोन पर बात करती । शनिवार इतवार को रवि और अरुणा उनसे मिल आते । रवि और अरुणा दोनों ही अपने मम्मी पापा की इकलौती संतान थे । दोनों के ऊपर दोनों के माता-पिता को संभालने की जिम्मेदारी थी ।

अरुणा के घर से रवि का घर आधे घंटे की दूरी पर था । दोनों के मम्मी पापा की भी एक दूसरे के साथ दोस्ती हो गई थी । शादी के दो साल बाद अरुणा ने एक बेटे को जन्म दिया । उसका नाम कार्तिक रखा गया । घर में सब उसे प्यार से किट्टू कहते । किट्टू अपने दादा-दादी और नाना-नानी का दुलारा था । अरुणा ने दादा-दादी और नाना-नानी की मदद से उसकी देखभाल की ।

किट्टू अब 5 साल का हो गया है । विद्यालय जाता है । वहाँ से दोपहर में आ जाता है । दादा दादी के साथ खाना खा कर , आराम करता है । शाम को पार्क में खेलने जाता है । जब मम्मी पापा आते हैं तो उनके साथ खेलता और पढ़ता है ।

एक दिन अरुणा के पापा का फोन आया । बेटा तेरी मम्मी गिर गई है । पैर में फ्रैक्चर हो गया है । सब लोग तुरंत अरुणा के मम्मी पापा के पास पहुँचते हैं । मम्मी का ऑपरेशन कर हड्डी जोड़ दी जाती है । एक हफ्ते अस्पताल में रहने के बाद वह घर आ जाती हैं ।

घर पर जो बाई काम करती थी । वह विश्वास पात्र थी । अरुणा को पता था । वह माँ का अच्छे से ध्यान रखेगी । फिर भी उसे माँ की चिंता होती । रवि के मम्मी पापा ने रवि और अरुणा से कहा तुम दोनों कुछ दिनों के लिए वहाँ चले जाओ । अरुणा के मम्मी पापा को अच्छा लगेगा । हम भी आते जाते रहेंगे । कार्तिक विद्यालय से हमारे पास आ जाएगा । शाम को बैंक से घर जाते समय उसे ले जाया करना । अरुणा ने अपने सास-ससुर को स्थिति को समझने और उसका इतना सुंदर हल करने के लिए धन्यवाद कहा ।

दो महीने के लिए रवि , अरुणा और कार्तिक अरुणा के मम्मी पापा के पास रहे । उनकी अच्छे से देखभाल की । जब अरुणा की मम्मी ठीक हो गई । दोनों वापस रवि के घर चले गए ।

दोनों परिवारों को आपस में एक दूसरे की मदद करते देख अच्छा लगता है । रवि और अरुणा दोनों अपने माता-पिता की समझदारी से बहुत खुश है । कार्तिक कहता है हम साथ साथ है।