रवि और सविता अपनी पर्सनल और प्रोफेशनल जिंदगी में संतुलन बना रहे थे । अमर और तान्या एक दूसरे के और करीब आ रहे थे । शैली आजकल कुछ उदास रहती थी ।
पढ़ना जारी रखें “दोस्ती हमेशा – (भाग 3)”माह: जुलाई 2020
दोस्ती – हमेशा (भाग 2)
अमर की कंपनी ने उसे एक प्रोजेक्ट के लिए मुंबई भेज दिया । वह मुंबई चला गया । मुंबई का माहौल दिल्ली से अलग था । अमर के अलावा दो लोग और दिल्ली से मुंबई आए थे आकाश और विकास । अमर के सहकर्मी थे ।
पढ़ना जारी रखें “दोस्ती – हमेशा (भाग 2)”दोस्ती – हमेशा (भाग – 1)
रमा और गीता दो सहेलियाँ थी । रमा का बेटा था अमर । गीता की बेटी थी सविता । जब बच्चे छोटे थे । तभी दोनों ने निश्चय कर लिया था । जब यह दोनों बड़े होंगे तब हम इन दोनों का विवाह कर देंगे ।
पढ़ना जारी रखें “दोस्ती – हमेशा (भाग – 1)”माँ का सपना – डॉक्टर बेटी
कविता आज डॉक्टर बन गई है । पर वह डॉक्टर बनकर खुश नहीं है । क्योंकि वह डॉक्टर नहीं बनना चाहती थी । वह तो साहित्य की प्रोफ़ेसर बनना चाहती थी । पर उसके पापा ने उससे बचपन से ही यही कहा कि तुम्हें डॉक्टर बनकर अपनी माँ का सपना पूरा करना है । कविता की माँ जब वह आठवीं कक्षा में थी तब नहीं रही ।
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