दोस्ती हमेशा – (भाग 3)

रवि और सविता अपनी पर्सनल और प्रोफेशनल जिंदगी में संतुलन बना रहे थे । अमर और तान्या एक दूसरे के और करीब आ रहे थे । शैली आजकल कुछ उदास रहती थी ।

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दोस्ती – हमेशा (भाग 2)

अमर की कंपनी ने उसे एक प्रोजेक्ट के लिए मुंबई भेज दिया । वह मुंबई चला गया । मुंबई का माहौल दिल्ली से अलग था । अमर के अलावा दो लोग और दिल्ली से मुंबई आए थे आकाश और विकास । अमर के सहकर्मी थे ।

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दोस्ती – हमेशा (भाग – 1)

रमा और गीता दो सहेलियाँ थी । रमा का बेटा था अमर । गीता की बेटी थी सविता । जब बच्चे छोटे थे । तभी दोनों ने निश्चय कर लिया था । जब यह दोनों बड़े होंगे तब हम इन दोनों का विवाह कर देंगे ।

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माँ का सपना – डॉक्टर बेटी

कविता आज डॉक्टर बन गई है । पर वह डॉक्टर बनकर खुश नहीं है । क्योंकि वह डॉक्टर नहीं बनना चाहती थी । वह तो साहित्य की प्रोफ़ेसर बनना चाहती थी । पर उसके पापा ने उससे बचपन से ही यही कहा कि तुम्हें डॉक्टर बनकर अपनी माँ का सपना पूरा करना है । कविता की माँ जब वह आठवीं कक्षा में थी तब नहीं रही ।

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शैली की खुशी

शैली एक अच्छी चित्रकार है । उसने फाइन आर्ट एम्. ए. करने के बाद पीएचडी की है । अब एक डिग्री कॉलेज में फाइन आर्ट की प्रोफ़ेसर है । इसके अलावा वह अपने चित्रों की प्रदर्शनी भी लगाती रहती है । शैली अपने कैरियर में सफल है ।

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जब जागो तभी सवेरा

अनिल एक अच्छा बच्चा था। पढ़ाई में अपना पूरा ध्यान लगाता । अपनी मम्मी के घर के कामों में मदद करता । अपने दोस्तों का प्रिय दोस्त । अनिल में इतनी सब अच्छाई होने के बाद भी एक कमी थी । काम को कल पर टालने की आदत । वह अपने लिए बड़े बड़े लक्ष्य निर्धारित करता । पर शुरू करने के नाम पर कल से करूंगा सोचता और वह कल कभी ना आता ।

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वक्त बदलता है

नीमा जब सोचती है तो सोचती रह जाती है । उसने अपने पति के साथ अपने जीवन के 30 साल कैसे बिताये । उसे लगता है जैसे कल की ही बात हो ।

जब नीमा की शादी तय हुई तो सब बहुत खुश थे । लड़का अमित एक आईएएस अधिकारी था । उसका परिवार भी अच्छा था । उसके घर में उसके माता-पिता और एक भाई एक बहन थे । नीमा के भी दो भाई थे । शादी बहुत धूमधाम से और अच्छे से संपन्न हुई ।

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बदलाव

आज से 30 साल पहले जब हमारे देश में एमबीए की पढ़ाई होनी शुरू हुई थी । यूनिवर्सिटी में यह कोर्स शुरू किया जा रहा था । उस समय बहुत कम लड़के इस कोर्स को करते थे । लड़कियाँ तो इसे ना के बराबर करती थी । उनके माता-पिता उन्हें एमबीए इस लिए नहीं करने देते थे कि लड़कियाँ सारा समय ऑफिस मे ही देंगी तो घर कब संभालेंगी ।

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अरुण की शैतानी

नंदिनी अपने बेटे अरुण को लेकर बहुत परेशान है । वह बहुत शैतान बच्चा है । वह अभी 5 साल का है । हर समय शैतानी करता रहता है । पढ़ने का तो उसके सामने नाम ही मत लो । वह पढ़ता ही नहीं है । नंदिनी अरुण को पढ़ाने के लिए साम-दाम-दंड-भेद सब आजमा चुकी है । वह किसी भी तरह उसके काबू में नहीं आता । सोने पर सुहागा यह कि उसके पति आकाश को इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ता कि अरुण पढ़ाई नहीं करता । इसलिए उनकी तरफ से नंदिनी को कोई मदद नहीं मिलती ।

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डॉक्टर्स – हमारी जीवन रेखा

शीला और उसके पति अविनाश दोनों बहुत अच्छे डॉक्टर हैं । व्यस्त तो वह दोनों हमेशा रहते थे ।आजकल कोरोनावायरस की वजह से और ज्यादा व्यस्त हैं । एक हफ्ते से दोनों अपने घर भी नहीं जा पाए हैं । अस्पताल में ही ड्यूटी चल रही है । घर पर अविनाश के माता पिता और उनके दोनों बच्चे अंकुर और अंकित हैं । अंकुर 10 साल का है अंकित 8 साल का है ।

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